Fear Aur Dar Ko Kaise Jeetein – Tantrik Upay & Divya Sadhana for Dummies
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डर को दूर करने की प्रक्रिया की शुरुआत उसे पहचानने से होती है।
ये तो प्रकृति का उसूल है की नया आएगा और पुराना जाएगा. तो हर वक़्त मरने के बारे में सोच सोचकर बिलकुल भी परेशान ना हों, मौत एक दिन सबकी होनी ही है.
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अपने परिवार को खोने के बाद भी उन्होंने डर को हराकर भारत के महानतम धावकों में नाम कमाया।
फिजिकल फियर इस दौरान दिल की धड़कन अचानक से बढ़ जाती है, जल्दी-जल्दी सांस लेने लगते हैं, पेट में खलबली सी मच ने लगती है, पसीना आने लगता है, मुंह सूखने लगता, शरीर की कोशिकाओं में तनाव आने लगता है। हालांकि, बिना डर के आप खुद को खतरों के लिए खुला छोड़ देते हैं इसलिए डर लगना भी जरूरी है।
जब आप विचारों को खुद से जोड़ना छोड़ देते हैं तब आप यह जान जाएंगे किसी भी विचार में आपको विचलित कर देने लायक भी शक्ति नहीं होती है। यहां नेगेटिव विचारों को अवसर की तरह देखे, जब भी निगेटिव विचार आए तो तुरंत सकारात्मक विचार से उन्हें बदलते रहें और इसकी आदत बना ले, आप देखेंगे बुरे और नेगेटिव विचार धीरे-धीरे कम होने लगे हैं
अगर आप भी जीवन में आने वाली चुनौतियों का सामना करने से डरते हैं। तो इन आसान टिप्स की मदद से आप अपने डर को दे सकते हैं मात। जानें कैसे करें मज़बूती से अपने डर का सामना।
आपका डर क्या है? कभी-कभी केवल यह बताने से या कहने से ही आपको इससे निपटने की ताकत मिल सकती है। इसीलिए इसके बारे में बात करें। इसे लेकर शर्मिंदा ना हो, बल्कि अपने दोस्तों, करीबियों को इसके बारे में बताएं या फिर आप इसे लिख भी सकते हैं। एक जर्नल लें और उसमें लिखें कि आप किस चीज से डरते हैं। जब आप अपने डर को अनदेखा करने की कोशिश करते हैं, तो यह बढ़ता है। जब आप इसका सामना करते हैं, तो यह कम होता जाता है।
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हममें से बहुतों के लिए नए करियर की शुरुआत करना, नए रिलेशनशिप या कड़ी मेहनत से कमाए पैसे खर्च करने में कुछ मात्रा में एंजायटी होती है। जहां हमें सोने में दिक्कतें आने लगती है, मन एकाग्र चित्त नहीं हो पाता है, बार-बार एक ही चीज हमारे मस्तिष्क में घूम रहा होता है इन सभी के होने का एक ही कारण है – “हमारे विचार”
इसमें पीड़ित व्यक्ति को किसी भी चीज, स्थान, परिस्थिति और वस्तु को लेकर डर हो सकता है। डर लगने की स्थिति में अत्याधिक और ओवर रिएक्शन शामिल होता है। जब डर जरूरत से ज्यादा बढ़ जाए तो वह मानसिक विकार का रूप ले लेता है।
ऐसा करने से ही आपका आत्मविश्वास बढेगा और आप अपने अंदर के डर को धीरे धीरे दूर कर पाएंगे.
यदि अपने अंदर के डर को खत्म करना चाहते हैं तो पहले डर के मूल कारण को जानना होगा, डर क्या है?
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